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चंचल सी चाल उनकी रूप बड़ी सुहानी है 
इंसान हो या प्रकृति हर दिल को वो लुभाती है
जहाँ से गुज़रे छोड़ दें रंग हँसी अपने प्यार की
ये तितली ही हमें ज़िन्दगी मे मुस्कुराना सिखाती है
क्या मौसम पतझड़ का या सावन का बहार हो
रूकती नहीं किसके लिए पर हर मौसम मे साथ होती है
कौन नहीं भूल बैठे जहाँ अपना देख इनके सुंदरता
जो रंगबिरंगी पँख फैलाये फूलो पर ठहर जाती है
नाहीं कोई गिला होता है किसी से इनका
और किसी के दिल मे इनके लिए कोई शिकायत होती है
प्यार ही प्यार बिखेरना अदा है इन तितलियों का
जो देखते हर चहरे को अपने रंग मे रंगती जाती है
कभी लाल, कभी पीला, कभी गुलाबी तो कभी नीला
जाने कितने रंग की महानारी ये तितलियाँ होती है
इन्हे आता नहीं किसी से कुछ कुछ कहना मगर
जो समझें इन्हे उससे हर राज़ सबकुछ बयां कर जाती है
हर दिल को जीतने की जो कला है इनमे
पर ये बहुत ही मासूम और नाजुक़ भी होती है
जो प्यार से छुए उसे रंग देती है अपने मोहब्बत मे
नफरत से जो कोई छूना चाहे तो टूट कर बिखर जाती है
ज़ब ज़ब आती है मौसम इन हँसी सर्दियों का
हर गुलशन मे फूलो के संग इनका महफिल सजी होती है
भूल जाते है हर गम ज़िन्दगी के देख इनके अठखेलियों को
जो हर होठों पर मुश्कान की रंग बिखर आती है 
ऐसे मे नैना के दिल मे कुछ अल्फाज़ लिख ही जाती है….!!
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नैना…. ✍️✍️
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