प्यरी तितली सबके मन की हो तुम रानी,
दिन भर करती हो मनमानी,
सतरंगी पंख तुम्हारे कितने अच्छे लगते है,
देख के तुम्हें सब कितने खुश होते हैं,
इस फूल से उस फूल पर,
तुम फुदकती रहती हो,
नैन तुम्हारे चंचल है,
तुम चमचम तारों जैसी,
रंग बिरंगी पंख तुम्हारे सोने जैसे चमकते,
देख के बच्चे खुश होते,
तुम हो बड़ी सयानी ,
रंग चुराकर फूलों का, पंखो को तुम सजाती ,
आए कोई पास तुम्हारे झट से तुम उड़ जाती ,
बगिया बगिया उड़ कर धूम तुम मचाती ,
सच मे तुम कितनी सुंदर हो ,
सबके मन को भाती हो,
तुम तितली रानी होने ll