जै जगदंबै  जै माँ काली, जै  जगदंबै जै माँ काली ,वीर भूमि भी आंचल तेरा तूं जग जननी जग रखवाली!!  
         
जै जगदंबै  जै माँ काली, जै जगदंबै जै माँ काली वीर भूमि भी आंचल तेरा तूं जग जननी जग रखवाली!! 
     
पारिजात का पुष्प और पल्लव प्रणव ध्यान कि धन्य तूं न्यारी जै जगदंबै  जै माँ काली जै जै जगदंबै जै माँ काली वीर भूमि भी आंचल तेरा तूं जग जननी जग रखवाली!!
समनिष्ठा कि जागृति ज्योति आत्म बोध कि साहस शक्ति विघ्न विनासक मंगल कारी  जै जगदंबै  जै माँ काली जै  जगदंबै जै माँ काली वीर भूमि भी आंचल तेरा तूं जग जननी जग रखवाली!!     
 
आदि मध्य अवसान अनंत तुम्हीं  युग जीवन कि संचारी  जै जगदंबै  जै माँ काली ,जै जै जगदंबै जै माँ काली वीर भूमि भी आंचल तेरा तूं जग जननी जग रखवाली!!        
सौम्य, साधना ,भाग्य ,भविष्य ,निर्भय निर्झर जीवन कल्याणी जै जगदंबै  जै माँ काली  जै जगदंबै जै माँ काली वीर भूमि भी आंचल तेरा तूं जग जननी जग रखवाली!!         
उत्कर्ष ,उत्सर्ग, निश्चय, निष्कर्ष विश्व पुरुष कि प्रगति प्रतिष्ठा शुभ ही शुभ कि लक्ष्मी हो तुम दुष्ट दलन कि दुर्गा काली!                                  
जै जगदंबै  जै माँ काली जै जै जगदंबै जै माँ काली वीर भूमि भी आंचल तेरा तूं जग जननी जग रखवाली!! 
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उत्तर प्रदेश
Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *