जैसे को तैसा मिलता है,
नियम है यह संसार का,
अपने अपने कर्मों का फ़ल,
नहीं फ़ल ये कोई उधार का।
भला करो तो भला पाओगे,
वरना मुंह की ही खाओगे,
मुफ़्त में कुछ मिलता नहीं,
है संघर्ष इसी व्यवहार का।
जैसे को तैसा मिलता है,
नियम है यह संसार का।।
इतिहास है इस बात का गवाह,
बैठे बैठे ना कुछ कभी हुआ,
घिसना पड़ता है कुछ पाने को,
जिन्न बैठा नहीं कोई चिराग का।
जैसे को तैसा मिलता है,
नियम है यह संसार का।।
सही राह तो सही है सब,
सही पर गलत टिकता कहां कब,
सही को ना रोक सका कोई भी,
सही में शामिल सब प्यार का।
जैसे को तैसा मिलता है,
नियम है यह संसार का।