नियम जीवन का शाश्वत है ऐसा,
सदा मिलता है जैसे को तैसा,
बिन मतलब के कौन रिश्ता निभाए,
जीवन पथ का यह नियम कैसा।
अपने पर भी अब पूछे कब है,
रिश्ता मतलब से निभता सब है,
झूठ फ़रेब चाहे कुछ भी कर लो,
मिलेगा वही करोगे तुम जैसा।
सदा मिलता है जैसे को तैसा।।
पूजा पीहू