जीवन साथी का साथ बड़ा होता है,
थामने वाला वह हाथ बड़ा होता है,
वह है तो मैं हूं,
मैं हूं तो वह है।
बस उसके होने का सुखद अहसास बड़ा होता है,
ना खून का रिश्ता ना पुराना नाता,
उस रिश्ते में तो विश्वास बड़ा होता है।
कहने को तो कुछ रस्मो का बंधन है,
उसमें गुथा हुआ वह जोड़ बड़ा होता है,
बिना कहे-समझे जो हर बात, आंखों को पढ़ने का अंदाज बड़ा होता है।
अच्छा-बुरा तेरा-मेरा सबसे कहीं बढ़कर सात जन्मों का यह साथ बड़ा होता है…
स्वरचित🏹🏹
प्रीति दुबे।
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