नन्हे नन्हें कदमों से आ गया जनवरी। 
आ गया जनवरी और छा गया जनवरी।। 
आशा विश्वास और उल्लास ।
सबके जीवन में भर गया जनवरी।। 
उम्मीदों के बादल खुशी की लहर। 
बन आ गया जनवरी।। 
 संक्रांति के लड्डू और पतंग। 
नर्मदा पूजा लेके आ गया जनवरी।। 
चण्डी मेला, उत्सव, उमंग ।
झोली में भर के आ गया जनवरी।। 
आजादी के अमृत पर्व की। 
आन बान शान बढ़ाने आ गया जनवरी।। 
आशा की कामना आस पूरे सबकी।
सबके उपहार ले आ गया जनवरी।। 
स्वरचित मौलिक अप्रकाशित सर्वाधिकार सुरक्षित डॉ आशा श्रीवास्तव जबलपुर
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