सौम्य स्वभाव, निःस्वार्थ प्रेम से परिपूर्ण,
ममता की सौम्य धारा बहती जिनमें,
सिंधुताई आपको श्रद्धांजलि भावपूर्ण
माँ कहूँ या आई
इजा कहूँ या अम्मा
मतलब सबके एक,
अनाथ बालकों की पोषक
निश्छल भाव और विचार नेक
बाल्यावस्था में ही ब्याही गयी उम्रदराज़ से
भ्रम स्थिति में दुत्कारी गयी
गर्भावस्था में,
भीख मांग कर किया गुज़ारा,
ढाँक लिया अपने आँचल में,
जो भी बालक मिला बेसहारा,
अनाथ बच्चों के पोषण को
जीवन अपना समर्पित किया, महाराष्ट्र की मदर टेरेसा
अनाथ बच्चों की माँ
और बनी जगत ताई
ममता की मूरत सिंधु ताई
पद्म श्री सम्मान सहित
750 से ज्यादा सम्मानों का सम्मान थी सिंधु ताई।
निकेता पाहुजा
रुद्रपुर उत्तराखंड