सुमन दर्द से कराह रही थी…
मां ने गलती से खिड़की का पर्दा जो हटाया था …
मां बंद कीजिए इसे … बंद कीजिए… अपने मुंह को कांपती हुई हथेलियों से ढंक कर सुमन सिसक उठी ।
सुमन के जीवन का ये नासूर पहले उसकी जिंदगी में नहीं था आईने और धुप से नजरें मिलाने वाली सुमन आज उन्हीं का सामना नहीं कर पा रही थी …
जो अतित की एक झलक से पता चलता है… ये कैसी गलती हो गई उससे
सुमन चल उठ जा बेटी स्कूल के लिए देर हो रही है ! ऊं…. अंगड़ाई लेते हुए सुमन बिस्तर से उठी और उठते ही अपना चेहरा आईने में देखा, फिर रोज़ की तरह कहा ,” आई लव माई सेल्फ “
खुद को ही आईने में फ्लाईंग किस देकर सुमन बाथरूम की तरफ बढ़ गई ।
” ओहो ये लड़की भी ना, रोज़ लेट हो जाती है। “
” क्या मम्मा आप भी ना! मुझे स्कूल में सभी टीचर्स प्यार करती हैं क्योंकि मेरा अव्वल रेंक बनता है। और एक आप हैं मुझमें कहीं से भी नुक्स निकाल ही देती है। ” ,सुमन ने अपनी मां को पीछे से बांहों में भर लिया ।
” बस -बस मैं तेरी मीठी- मीठी बातों में नहीं आने वाली मैं तुझमें एक भी गलती नहीं देखना चाहती। मेरी बेटी दुनिया की सबसे अच्छी और बेहतरीन इंसान होनी चाहिए । “
” तुम दोनों की सुबह हो गई हो तो जरा हमें भी कोई देख ले ! “,
सुमन के पापा ने मां बेटी की चुटकी लेते हुए कहा ।
” हां… हां.. मुझे और कोई काम कहां आपको देखने के अलावा । “, अनिता जी ने हंसकर सुमन के पापा से कहा ।
इस बीच सुमन जल्दी से तैयार हो गई ।
तभी सुमन का मोबाइल बजता है, ” हां लीना बोल … ” ( बात करते हुए सुमन बाहर चली गई )
” अरे ये लंच बॉक्स तो लेती जा, ये लड़की भी ना …”, अनिल जी ने बीच में ही टोकते हुए कहा वो केंटिन में खा लेगी तुम व्यर्थ ही चिंता करती हो ।
आज वो ही हंसता-खेलता परिवार अपनी होनहार बेटी को लेकर अस्पताल में एक -एक पल के इन्तजार में है कि कब उनकी बेटी सामान्य हो ।
तभी महिला पुलिस कर्मी का आना होता है आप अपने लिए जो वकील करना चाहते हैं बुला लीजिए ऐसे मुकदमों में देर करना ठीक नहीं होगा ।
अनिता जी के हाथ पांव कांपने लगे वो सिहर उठी अनिल जी ने उन्हें दिलासा दिया और फिर अपने बचपन के एक मित्र वकील हैं जिनसे बात की ।
सभी कमरे में सुमन के पास जाते हैं।
महिला पुलिस अफसर सुमन से सवाल करती है, ” यह सब कैसे हुआ बेटा ? ठीक से याद करके सब कुछ बताओ क्योंकि तुम्हारा बयान बहुत मायने रखता है। घबराओ नहीं बेटा तुम आराम से नि संकोच हो कर कहो । “
सुमन मां की तरफ देखती है। मां तुरंत ही सुमन के कंधे पर हाथ रख हल्के से सहलाती है। और हां का इशारा करती हैं।
सुमन अब भी ठीक से बोल नहीं पा रही थी। उसके शब्द लड़खड़ा रहे थे पर फिर भी हिम्मत करके उसने बताना शुरू किया…,
” उस दिन…. लीना का फोन आया था सुबह स्कूल जाते समय ….. उसने कहा उस लड़के ने उसे धोखा दिया है…. मैंने उससे कहा कि…
मैं तो तुझसे पहले ही कहती थी कि वो लड़का सही नहीं है । उसने पहले मुझे प्रपोज किया था लेकिन बात नहीं बनी तो फिर तुझे लपेटा जिससे मेरे पास आ सके। फिर भी बात नहीं बनी इसलिए आ गया अपनी औकात पर । चल रो मत अब ऐसे लोगों को दिमाग में रखकर भविष्य मत बिगाड़ । रेडी हो जा मैं आ रही हूं तुझे स्कूल के लिए पिक अप करने । “
” फिर तुम स्कूल भी नहीं गई तो क्या लीना का घर वहीं था जहां यह हादसा हुआ ? “, महिला पुलिस अफसर ने पूछा ।
” नहीं उसका घर अलग दिशा में है। मैं जब घर से निकली तो ध्यान आया कि पेट्रोल नहीं था गाड़ी में । इसलिए पहले मैं पेट्रोल डलवाने गई फिर वहां मुझे लीना का फोन आया…
तू अभी तक आई नहीं (सिसकते हुए बोली )
अरे बस आ रही हूं पेट्रोल डलवाने आई थी बस आती हूं।
कुछ देर …. चुप रहने के बाद लीना फिर बोली …
अब मत आना मैं वहीं पास के बगीचे में जो कुंआ है वहां कूद कर जान दे रही हूं। मुझे उसके बिना नहीं जीना । मेरे लिए तुम परेशान मत हो ।
लीना की आवाज बहुत गंभीर लग रही थी …. मैं …. घबरा गई कुछ समझ ही नहीं आ रहा था … फिर मैंने बगीचे की तरफ गाड़ी घुमाई ।
वहां पहुंच कर मैं सीधी कुएं की तरफ भागी
लीना …. लीना….. कहां हो यार
मैं चिखी चिल्लाई उसे कुएं में भी देखा वो नहीं दिखाई दी कही भी … मेरी आंखों से आंसू बहने लगे । “
उसे डर था कहीं लीना ने आत्म हत्या तो नहीं कर ली।
” क्या उस समय बगीचे में कोई नहीं था ? ” , मां ने सुमन से पूछा ।
” मां कोरोना के कारण सभी बगीचे अभी बंद कर दिए गए हैं। कोई आता जाता नहीं है। “
” फिर क्या हुआ ? “, महिला पुलिस अफसर ने पूछा ।
” फिर मुझे कुछ दिखा ही नहीं किसी ने मेरे मूंह पर कुछ दे मारा बहुत बुरी तरह से जल रहा था। मैं बहुत चिखी और तब बस इतना ही सुना…
बहुत शाणी समझती है ना खुद को अब देखता हूं कि तू क्या कर लेगी ।
मुझे डर तो नहीं लगा पर दर्द बहुत हो रहा था ऐसा लगा जैसे चेहरा जल कर पिघल रहा हो। मैं समझ गई थी कि उसने मुझपर …. तेजाब… फेंका है। वहां पार्क में शायद कोई बुजुर्ग ने मेरी चीख सुनी और उन्होंने कुएं में से बाल्टी भरकर पानी मेरे ऊपर डाला। मैं… बुरी तरह कांप रही थी… फिर उन्होंने ही सब जगह फोन किया । “
” वो बुजुर्ग अभी हैं यहां या उनका कोई कोनटेक्ट नंबर ? “, महिला पुलिस अफसर ने सवाल किया ।
” नहीं मैडम वो तो चले गए और वे कुछ डरे हुए भी थे। हमारे आते ही वे हाथ जोड़कर बोले….
आपकी बेटी बहादुर है।
हम भी कुछ बात नहीं कर पाए सुमन को देखने दौड़ पड़े । आकर देखा तो वे चले गए थे। “
” अच्छा वो लड़का कौन था जिसने तुम पर अटैक किया था और लीना का क्या हुआ ? कुछ पता चला ? “
” वो वही था जिसकी वजह से लीना आत्म हत्या करना चाहती थी। और लीना का मुझे कुछ भी पता नहीं । “
” ओके, तुमने कहा उस लड़के ने पहले तुम्हें प्रपोज किया था, कब ? “
” कुछ एक महीने पहले ही प्रपोज किया था उससे पहले वह मेरे पीछे घूमता रहता था। मैंने नोटिस किया था मैंने उसे इनकार भी किया उसने मुझे धमकी भी दी थी कि अगर मैं उसकी नहीं तो किसी की भी नहीं होने देगा । “
” धमकी दी तेरे पीछे आया और तूने हमें बताया भी नहीं ! “, मां तड़प कर बोली ।
” मां मैंने उसे पुलिस में जाने की धमकी भी दी थी इसलिए उसने हाथ जोड़कर माफी भी मांगी थी और आपसे कहती तो आप मेरे पहनावे पर बोलते अकेले कहीं जाने नहीं देते और परेशान होते इसलिए नहीं कहा । “
” और अकेली गई तभी तो यह सब हुआ ना अब परेशान नहीं हो रहे ? “, मां ने रोते हुए कहा ।
महिला पुलिस अफसर ने अनिल जी को इशारा किया कि वे अनिता जी को बाहर ले जाएं ।
दोनों के बाहर जाने के बाद उन्होंने सूमन से पूछा, ” तुमने तो लीना से बात की थी फोन पर फिर वो लड़का वहां कैसे पहुंचा ? “
” पता नहीं … “, कहकर सुमन फूट फूट कर रोने लगी ।
” चिंता मत करो बेटा, तुम इतना सब अकेली झेलती रही तकलीफ़ तो हुई है तुम्हें लेकिन हिम्मत मत हारो हौसला रखो। अब इस लड़ाई के लिए हमें और आगे तक जाना है । हम उस दरिंदे को छोड़ेंगे नहीं । “
” ह्मम… “
” अपना ध्यान रखना, मैं फिर आऊंगी और अगली बार मुझे तुम और मजबूत चाहिए ठीक है बेटा, अब आराम करो ! ” अब पुलिस उस गुनहगार की तलाश में जुट गई ।
पुलिस सबसे पहले उन बुजुर्ग व्यक्ति के पास पहुंचकर उनका बयान लेती है…
” हां मैडम वो मैं ही हूं जिसने उस बच्ची को अस्पताल पहुंचाया। जब यह हादसा हुआ मैं वहीं पास ही पक्षियों को दाना डालने उसी समय पहुंचा था। देखा तो वो लड़की तड़प रही थी और वो कोशिश कर रही थी कि वह लड़का उसके हाथ आ जाए पर वो भाग निकला। फिर एक लड़की आई उसने पता नहीं क्यों उसकी मदद नहीं की वह भी ऐसे भागी वहां से जैसे इस गुनाह में शामिल हो । मैं ठहरा बूढ़ा मुझसे जो बन पड़ा मैंने किया मैडम । “
” क्या आप उन दोनों को पहचान सकेंगे ? “, महिला पुलिस अफसर ने पूछा ।
” हां ज़रूर पहचान लूंगा। आप जब कहें पुलिस स्टेशन हाज़िर हो जाउंगा । “
” धन्यवाद आपका ! “
अब बारी थी लीना की, पुलिस सीधा लीना के गांव पहुंच गई जहाँ उसका पुश्तैनी घर था ।
” लीना है ? “
” हां है ना साहब, क्या हुआ ? उसकी तबियत ठीक नहीं । “
” हमसे मिलकर ठीक हो जाएगी। आप कृपया उसे बुलाइए । “
” आइए मैडम आइए, आप तो आत्म हत्या करने जा रही थी फिर यहां कैसे आना हुआ ? “, महिला पुलिस अफसर ने थोड़ा कड़क स्वर में कहा ।
” मेरा इसमें कोई दोष नहीं मैं नहीं जानती थी वो ऐसा करेगा । उसने मुझसे कहा था कि वो बस उसे समझाना चाहता है। मैं तो बस उससे इसलिए जलती थी क्योंकि वो हर बार फर्स्ट आती थी। वो लड़का अगर उसे अपने वश में करेगा तो उसका पढ़ाई पर से ध्यान हटेगा और मैं सबकी चहेती बन जाऊंगी। बस इतना ही । “
महिला पुलिस अफसर लीना को चांटा जड़ देती हैं।
” बस इतना ही, तुम्हारा हिसाब किताब अब अदालत करेगी । चलो ! “
उस लड़के को भी ढूंढ लिया गया फोन नंबर के जरिए ।
” क्यों बड़ा प्यार करता था ना फिर तेजाब क्यों डाला बच्ची पर ? “, कोलर पकड़ कर महिला पुलिस अफसर ने पूछा ।
” वो बहुत इतराती थी अपने आप पर इस लिए सबक सिखाया । “
पुलिस ने उसे डंडे से वही पीट दिया , ” तुम जैसे बदमाशों की वजह से बच्चियों का बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। सिर्फ अपने आप को सुकून पहुंचाने के लिए तुम मासूम लड़कियों को निशाना बनाते हो। मैं पूरी कोशिश करूंगी कि तुम जेल में ही सड़ो । “
करीब छः महीने बाद जब केस की सुनवाई की बारी आती है वह दिन निर्णय का था।
” जज साहब मैं कुछ कहना चाहती हूं ! “, सुमन को जज साहब ने हामी भरी ।
” सर मैं अपने माता-पिता की इकलौती बेटी हूं। मैं आज जिंदा हूं तो उन्हें राहत लगती है लेकिन समाज चेहरा देखता है। इस चेहरे के साथ मेरा भविष्य क्या है सर । क्या कोई मुझे बराबरी का स्थान दे पाएगा? मेरा दोष सिर्फ इतना था कि मैं क्लास में टोप करती थी क्या वो रिजल्ट अब मुझे कहीं भी नौकरी दिला सकेंगे ? सर मैं पूछना चाहती हूं मेरे जैसी उन तमाम लड़कियों की तरफ से कि किसी और के किए की सज़ा हमें क्यों भुगतनी पड़ती है। क्या कोई ऐसी सज़ा नहीं जिससे नपुंसक मानसिकता रखने वाले दरिंदों के मन में डर पैदा किया जा सके ? “
सुमन को इंसाफ मिला, उस लड़के को सज़ा के साथ ही सुमन की प्लास्टिक सर्जरी का खर्च भरने के लिए जज ने कहा ।