जीवन में  कभी  तो  किनारा भी होगा।
संघर्ष से मुश्किल कभी हारा भी होगा।
कंधे पर जिम्मेदारी का बोझ या हाथ में किताब।
श्रमिकों का कहीं कोई सहारा तो होगा।।
ध्यान है लक्ष्य पर है हालात से लड़ाई।
ईश्वर  का कभी कोई  इसारा तो  होगा।
आंखों में चमक मन में है फौलाद भरा
मुश्किल में  कभी हाथ थामा तो होगा।
लिखा है किस्मत  में संघर्ष और चुनौती।
कभी  अंत  जीवन  में मुश्किल का होगा।
अभी   वक्त   तेरा   है   कोई   ग़म   नहीं
,कभी ना कभी  तो वक्त  मेरा  भी  होगा।।
बसाये   है  मन  में  हौसलों  का  समन्दर,
कहीं   दूर  इसका   किनारा   तो   होगा।
चाहत  है  मन  में  मंजिल  तक  पहुंचना,
कभी  पंख   बनकर   उड़ना   तो   होगा।
संकल्प लिया है जिसने हराने हर हार को।
भरोसा  है   खुद   पर  हमेशा  रहेगा।
नहीं हरा सकता है न वक्त न हालात कोई।
आसमां का कुछ टूकड़ा हमारा तो होगा।।”
                                अम्बिका झा ✍️
Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *