” आईडिया , हम है ना दोनों को एक जगह मिलवाते हैं फिर दोनों एक दूसरे को जान जाएंगे तो शादी के लिए मान जाएंगे । ” – कहते हुए रोशनी के चेहरे पर चमक आ गई ।
” हां मेरे पास भी एक आईडिया है मैं तेरी मम्मी से ट्यूशन पढ़ने आऊंगी, इस बहाने मेरे पापा और तेरी मम्मी रोज़ मिलेंगे ! ” – तपाक से सुमन ने अपनी प्रतिक्रिया दी। दोनों ही अपने मिशन में लग गई।
हुआ भी वैसा ही लवली और धीरज रोज़ ट्यूशन की वजह से मिलने लगे कुछ ज्यादा बात नहीं होती थी लेकिन धीरज के मन में लवली की वह निश्छल मुस्कान जगह बना चुकी थी। धीरज से रहा ना गया क्योंकि प्यार तो नींदें उड़ा देता है, अंत में उसने लवली से अपने दिल का हाल कह दिया। तभी लवली की सासू मां ने सब सुन लिया । लवली ने इंकार करते हुए धीरज से फिर कभी ना मिलने को कहा।धीरज तो चला गया लेकिन लवली रोती रही अपने कमरे में।
सासू मां ने सारी बात बताई तो लवली के ससूर जी खुश हुए -” अरे मैं तो कबसे अपनी बच्चियों की चिंता में था। ये धीरज कोपरगांवकर तो बहुत अच्छा लड़का है। अच्छे घर से है और कमाता भी अच्छा है। और अगर सामने से हाथ मांगने आया है तो इससे अच्छा और क्या हो सकता है। “
लवली फिर भी शादी से इंकार करती है।” ओहो सारी महेनत पानी में… डच .. डच … “फोन पर रोशनी ने सुमन से कहा ।
” अरे मन लगा कर काम कर हम परीक्षा में जरूर से पास होंगे “..बड़े बुजुर्गों जैसी मीठी मीठी बातें दोनों एक दूसरे को समझाने लगीं ।
दोनों ने अब एक दूसरे के पेरेंट्स के साथ टाइम स्पेंड करने का निर्णय लिया एक दिन सुमन रोशनी के घर रही तो दूसरे दिन रोशनी सुमन के घर रही किसी न किसी बहाने से बच्चियां अपने पैरेंट्स को आपस में मिलवाती रहीं और बात करवाती रहीं ।
एक दिन लवली ने दोनों बच्चियों की बात सुन ली तो उसने सुमन को पढ़ाने और घर आने से मना कर दिया । गुस्से में उसने अपना निर्णय तो सुना दिया लेकिन कोई भी खुश न रह सका ना ही खुद लवली! उसे बार बार सुमन की याद आती और धीरज की खामोश नज़र उसे चैन से जीने नहीं दे रही थी।लेकिन अब सब कुछ हाथ से निकल चुका था । रोशनी को भी सुमन की जुदाई बर्दाश्त नहीं हुई और उसका पूरा बदन बुखार से तप रहा था ।खबर मिलते ही धीरज सुमन को लेकर रोशनी के घर चला आया । धीरज ने लवली की ओर देखा भी नहीं, वो सीधे जाकर रोशनी को अपनी गोद में लेकर उसके सिर पर पट्टियां रखने लगता है। तभी छोटी सी रोशनी आंख मारकर सुमन को इशारा करती है। दोनों खिल खिला कर हंसने लगती हैं। धीरज दोनों के प्यार को देख कर अवाक हो बस भीनी आंखों से प्यार छलकाता है।
उधर बुत सी खड़ी लवली तीनों का एक दुसरे से प्यार निहार रही थी। उसे ऐसा लग रहा था जैसे वो किसी टीम से बाहर हो गई थी। तभी पीछे से उसके ससुर ने माथे पर हाथ रखकर इशारे में जैसे पूछ लिया कि क्या विचार है !
लवली हामी भर लेती है और जैसे एक हैप्पी फैमिली का फिर जन्म हुआ । खुशियां जैसे फिर घर में बिखर गई थी ।
दोस्तों जिंदगी की सबसे कठिन परीक्षा एक औरत की तब होती है जब उसे अपने पहले पति को भूलकर दूसरे किसी से शादी करने को कहा जाए। हर चीज को समय लगता है, जैसे रीपोटिंग करते समय बहुत ध्यान रखा जाता है कि जड़ों को नुक्सान न हो। तो फिर पास्ट को भी एक दम निकाल फेंकना मुश्किल है।कहानी अच्छी लगी हो तो लाईक जरुर करे और मेरे साथ जुड़े रहने के लिए मुझे फोलो करना ना भूले ।धन्यवाद जी
आपकी अपनी
( Deep )