हर इंसान समझें दूसरों को खिलौना,ज़ब तक जी चाहा खेला, रौंदा, इस्तेमाल किया!ज़ब मन भर आया, जीवन से निकाल दिया,तोड़ा, मरोड़ा, स्वाभिमान भी निचोड़ दिया!मन के भाव भी माटी का टीला हुआ,ज़ब तक चाहे खेला, ज़ब चाहे ढेर किया!✍️ Jyotika Ritu “प्रकाश “Spread the love Post navigation शुभ मुहूर्त की तिथि का गुणगानहे माँ