सच्चाई कैद सलाखों के पीछे हकीकत छुपाई जाती है
हर खबर की बंद कमरों में खिचड़ी पकाई जाती है
चंद कागज के टुकड़ों में बिक जाता इंसान का इमान
खबर को खबर होने से पहले बोली लगाई जाती है
असली मुद्दे धरे रह जाते सच को झूठ की घूंट पिलाई जाती है
टी आर पी के चक्कर में सच की धज्जियां उड़ाई जाती है
बेखबर है जमाना सरहद पर जाने कितने शहीद हुए
नेताओं के घर पर चिंगारी भी खबरों से बुझाई जाती है
तोलकर दौलत के तराजू में हर खबर दिखाई जाती है
जितनी अशर्फियां थाली में उतनी खबर सजाई जाती है
मजदूर को कुचल कर भी वो सरेआम घूमते हैं श्याम दीवाना
हर खबर की खबर यही है कि यहां सच्चाई दबाई जाती है।
पिंटू कुमावत’श्याम दीवाना’🙏🙏💐💐
3.6.2022
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