२३जनवरी १८९७ को नेताजी ने जन्म लिया,
इस महान धारणी में जन्म लेकर धारणी को धन्य किया।
जानकीनाथ बोस एवं प्रभात देवी ने सुभाष नाम दिया,
१९१३को कलकत्ता के प्रेसीडेंसी कॉलेज में दाखिला लिया।
१९१६ में ब्रिटिश प्रोफेसर के साथ दुर्व्यवहार करने पर निलंबित किया,
१९२०मे आई सी एस में ४ स्थान प्राप्त कर अपनी प्रतिभा दिखाया।
१९२१मे अंग्रेज सरकार ने नेता जी को गिरफ्तार कर लिया,
१९२३ में नेताजी को भारतीय कांग्रेस का अध्यक्ष चुना गया।
१३ अप्रैल १९३६को भारत में एक बार फिर गिरफ्तार किया,
१९३८ में रवींद्रनाथ जी ने सुभाष जी को सम्मानित किया।
सन १९३९ में ‘फारवर्ड ब्लाक ‘की नेता जी ने स्थापना किया,
युवा पीढ़ी में आजादी के प्रति नेता जी ने अलख जगाया।
“तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा!” का नारा लगाया।
कांति की मशाल जलाकर अंग्रेजों के छक्के छुड़ाया।
देश प्रेम की भावना सब भारतीय के मन में बसाया।
अंग्रेजी सरकार से भी अपने साहस का लौहा मनवाया।
आजाद हिंद फौज का गठन कर युवाओं को प्रेरित किया।
जापान सेना के साथ मिलकर आजादी का मोर्चा हाथ लिया।
अंग्रेजों से देश के कई भागों को नेताजी ने आजाद करवाया।
आजादी के लिए युवाओं में हिम्मत विश्वास जगाया।
सन १९४५मे देश ने ऐसे महान नेता को गंवाया।
नमन है ऐसे महान नेता जी को जिन्होंने देश में अमन शान्ति फैलाया।।
स्वरचित अप्रकाशित मौलिक
कुमारी गुड़िया गौतम ( जलगांव) महाराष्ट्र