कुछ के रास्ते आसान होते हैं,
कुछ मुश्किल भरे दर्मियां…
यूँ समझो सफ़र मुश्किलों से भरे हैं,
डटो! बनाओ अपना कारवां…
देखना! लौटेंगे तुम्हारे भी दिन,
निकलेगी कभी तो रौशनी…
इन्तजार तो करो तुम जीत की,
काफ़ियाँ निकलेगी तुम्हारे नाम की…
तू सूरज है! खुद को जलाये जा,
निखरने की चमक फैलाये जा…
मेहनत से कभी मुँह ना मोरना,
यही आदत अपनी लगाये जा…
ना रुकना एक स्थान पर,
अपना लक्ष लगाये जा…
चूमेगा तुम्हें भी आसमां,
एक-एक कद़म आगे बढ़ाये जा…
हमसफ़र के मोह में,
यूँ ना कद़म को मोड़ना…
तकलिफ़ में ना रख खुद को,
कहीं ज़माना पड़े ना छोड़ना…
तू जीतेगा ये जिन्दगी, 
जीत का रास्ता बनाते जा…
रुख समय का मत देख,
सफ़लताओं की चिंगारी जलाते जा…
    ✍️विकास कुमार लाभ
            मधुबनी(बिहार)
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