लेकिन कुछ लोग किस्मत से आगे सोचते हैं और उस पर विश्वास नहीं करते हैं… उनका कहना हैं….. मेहनत और अच्छाई से किस्मत का लिखा भी बदला जा सकता हैं…।
हर व्यक्ति का अपना अलग नजरिया होता हैं…।
कई लोग तो ऐसे भी होतें हैं जो किस्मत बदलने के लिए तरह तरह के उपाय खोजते रहते हैं…। कोई गृह नक्षत्रों को बदल कर अपनी किस्मत चमकाता हैं तो कोई जादू टोने की मदद लेता हैं…।
किस्मत बदलने की चाह को लेकर लोग कई बार ऐसे जूर्म भी कर देते हैं…. जिसकी भरपाई करने में उम्र निकल जाती हैं…।
कई लोग सिर्फ अपनी किस्मत आजमाने के लिए ही लाटरी…. सट्टा और जुए का सहारा लेतें हैं…।
लेकिन क्या सच में किस्मत का लिखा बदलता हैं…?
क्या सच में हमारी किस्मत पैदा होते ही लिख दी जाती हैं..?
क्या सच में हमें विधाता का लिखा हुआ ही मिलता हैं…?
ये वो चंद सवाल हैं जिसका जवाब मानव ना जाने कितने वर्षों से खोज रहा हैं…।
हर कोई अपने हिसाब से तर्क वितर्क रखता हैं…।
मैनें बहुतों को यह कहते हुए भी सुना हैं की किस्मत में होगा तो मिल जाएगा..।
बहुत सी चीजें शायद आज भी हमें किस्मत से ही मिलतीं हैं…।
लेकिन बहुत सी चीजें हमें किस्मत से चीनी भी पड़तीं हैं…।
जिंदगी और मौत ये तो हमें किस्मत से ही मिलता हैं…। लेकिन हमें जीना कैसे हैं… ये किस्मत नहीं हमारे कर्म तय करते हैं…।
हमारी जिंदगी में किस्मत से ज्यादा कर्म मायने रखते हैं…।
ऐसे कर्म किजिए की किस्मत खुद आपको सजदा करें…।