मेहनत से इंसान की किस्मत बदल जाती है,
फिर हाथों की लकीरें भविष्य क्यों बताती है।
किस्मत का खेल अजब ही निराला है ,
क्या हाथों की लकीरों में ही, किस्मत का उजाला है।
अद्भुत सी कश्मकश अद्भुत सा खेल है,
माथे की लकीरों से किस्मत का मेल है।
मेहनतकश इंसान हतोत्साहित हो जाता है,
जब किस्मत वाला इंसान बाजी मार जाता है ।
यूं तो दुनिया में देखें, खेल अजब निराले,
जिसपर चाबी किस्मत की उनके वारे न्यारे।
एक सबक विधाता ने, सबके लिए लिख डाला,
मेहनतकश इंसान ही,होता किस्मत वाला।
किंतु हाथों की लकीरों का बड़ा बोलबाला,
सबके हाथों में नहीं होता किस्मत का ताला,
ऊपर वाले ने कर्मों का खाता जो लिख डाला है,
मेहनतकश इंसान ही असल में किस्मत वाला है।
संगीता वर्मा ✍️✍️