किस्मत के खेल भी निराले होते है,
कर्म ही सबसे बड़ा धर्म है,
अंजान है हम कि कल क्या होने वाला है,
जाने किस मोड़ पे आ जाए हम,
आज दुख है तो कल सुख,
छोड़ दे इसकी चिंता,
वक़्त बुरा है कट जाएगा,
नई उम्मीदों का सवेरा आएगा,
कोई न जाने किस्मत की माया ,
दुख मे छोड़ दे अपना भी साया,
यह किस्मत का खेल भी है अजीब,
कभी हंसाती है तो कभी रूलाती है,
हमारे कर्मो के हिसाब से हमे फल खिलाती है,
किस्मत भी हमें कितने रंग दिखाती।
किस्मत के खेल भी निराले होते है।।