ये दुनिया ऐसे लोगो से हारी है,
जिन्हे बेवकूफी की बीमारी है,
कान पर जूं तक नहीं रेंगती,
दिखा देते हर समय लाचारी है।

ऐसों का कोई क्या ही करे,
ऐसों से समझदार भी डरे,
नहीं मानते ये किसी की,
अहम में जैसे रहते हैं भरे,
छाई रहती इन्हे खुमारी है,
कान पर जूं तक नहीं रेंगती,
दिखा देते हर समय लाचारी है।

स्वार्थ को अपने सदा आगे रहते,
रोब किसी का भला ये कहां सहते,
बस दिखाते जैसे कुछ नहीं हुआ,
पर जुबान से बहुत कुछ हैं कहते,
लगते सब इनको अत्याचारी है,
कान पर जूं तक नहीं रेंगती,
दिखा देते हर समय लाचारी है।

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