किसका है इंतजार तुम्हें कल।
काम तुम्हें कल क्या करना है।।
कर ले कल का काम आज ही ।
कल किसने देखा है, कल किसने देखा है।।
किसका है इंतजार—————–।।
देख लिया तुमने कल सबको।
करके भरोसा उनके वादों का।।
पलभर में जाता है बदल सब।
रंग और रूप इरादों का ।।
करके यकीन अपने कर्म पर।
पा तु मंजिल जो सपना है ।।
कर ले कल का काम आज ही।
कल किसने देखा है, कल किसने देखा है।।
किसका है इंतजार—————-।।
होगा कल को कैसा मौसम ।
बदलता है ईमान शौहरत में।।
सबको है मतलब अपनी खुशी से।
बिकता है इंसान दौलत में।।
मतलब के सब रिश्ते यहाँ है।
अपने दम पे तुमको जीना है ।।
कर ले कल का काम आज ही ।
कल किसने देखा है, कल किसने देखा है ।।
किसका है इंतजार—————–।।

रचनाकार एवं लेखक- 

गुरुदीन वर्मा उर्फ जी. आज़ाद
ग्राम- ठूँसरा, पोस्ट- गजनपुरा
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
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