करुणा में डूबेमेरे हृदय मेंतेरे प्रेम कीरागिनी बजती हैं।हाहाकार है मेरेशब्दों मेंअंतस में वेदनाभरती हैं।उत्स मेरी भावना काअविरल बहतारहता हैंअंतर्मन की महीफिर भी अतृप्तरहती हैं। गरिमा राकेशSpread the love Post navigation बादल चाचा क्यूं बरसेहिंदी हमारी आन है