जग को जो समझा समझा कर,
ख़ुद माटी हो जाता है,
पपीहे की सी प्यास लिए वो,
कबिरा खुद मिट जाता है,
जाति पाति से धर्म बड़ा है,
मानव अब तो बन जाओ,
जो रचता है जगत विश्व को, 
उसके गीत सुनाता है,
जग को जो समझा समझा कर
ख़ुद माटी हो जाता है,
पपीहे की सी प्यास लिए वो,
कबिरा खुद मिट जाता है,
ईश्वर अल्ला दोनों बराबर,
भेद नहीं बतलाए वो,
ईद मनाए मुस्लिम बन वो,
राम भजन जो गाता है,
जग को जो समझा समझा कर,
ख़ुद माटी हो जाता है,
पपीहे की सी प्यास लिए वो,
कबिरा खुद मिट जाता है,
नेह की राह जो कितनी कठिन है,
कैसे वो सबको समझाए,
आप को तज के हरि को भजना,
साधू सार बताता है,
जग को जो समझा समझा कर
ख़ुद माटी हो जाता है,
पपीहे की सी प्यास लिए वो,
कबिरा खुद मिट जाता है,
अनुराग बाजपेई(प्रेम)
Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *