4 फरवरी1938 को जन्में पं.बिरजू महाराज।
पिता गुरु अच्छन व माता अम्मा जी महाराज।
16 जनवरी2022 को हृदयाघात से परलोक।
अंताक्षरी हँसते खेलते 83 वर्ष में आया शोक।
गोलोक धाम प्रस्थान किए पं.बिरजू महाराज।
नहीं रहे अब इस धरती पर पं.बिरजू महाराज।
लखनऊ घराने में जन्में पं. ब्रिज मोहन मिश्रा।
बाबा पिता चाचा कत्थक परिवार न बिसरा।
चाचा शम्भू महाराज व ताऊ लच्छू महाराज।
प्रसिद्ध कथक नर्तक थे ये पं.बिरजू महाराज।
पं. ब्रिज मोहन चाचा संग रहके है शिक्षा पाई।
कथक शिक्षा लिया व अभ्यास में धुन लगाई।
अनेकों शो में ये उत्कृष्ट कत्थक नृत्य दिखाए।
अपने शिष्यों को भी ये कत्थक नृत्य सिखाए।
फ़िल्म एक्ट्रेस माधुरी दीक्षित इनकी हैं शिष्या।
एक नहीं अनेकों कत्थक शिष्य और हैं शिष्या।
पंडितजी ने कई फिल्मों में नृत्य निर्देशन किए।
‘बाजीराव मस्तानी’ ‘मोंहे रंग दो लाल’ में किए।
सं.नाटक अकादमी व कालि.सम्मान पुरस्कार।
सम्मानित हुएहैं पाकर लता मंगेश्कर पुरस्कार।
गानों में सर्वश्रेष्ठ नृत्य निर्देशन फि.फे.ए. लिए।
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से रा. फिल्म पुर. लिए।
का.हि.वि.-खैरागढ़ वि.डॉक्टरेट मानदउपाधि।
हजारों सम्मान मिले कथक में अनेकों उपाधि।
देश विदेश में पंडित बिरजू महाराज कहलाए।
भारत सरकार का सम्मान पद्म विभूषण पाए।
कथक नृत्य में पद्म विभूषण महाराज हैं पाए।
नाम किया है जग में कत्थक सम्राट कहलाए।
शत-शत नमन श्रीमन पंडित बिरजू महाराज।
श्रद्धा सुमन अर्पित है पंडित बिरजू महाराज।
रचयिता :
डॉ. विनय कुमार श्रीवास्तव
वरिष्ठ प्रवक्ता-पीबी कालेज,प्रतापगढ़ सिटी,उ.प्र.