एक समय की बात ही कुछ और थी,

जब दिल के जज़्बात एक कागज पर
लिखकर यादों के संदूक में रखा जाता था
दूर हो कर भी अपनो का एहसास कुछ खास था…..।
आज छोटे से डिब्बे में सब बंद हैं,
पास तो सब है पर एहसास मंद है
जज़्बात पढ़ कर भी सब ख़ामोश रहा
कहते हैं समय नहीं मिल रहा……..।।
                @ऋचा कर्ण ✍️✍️
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