मैं लिख दूँ कुछ ऐसा कि सत्य को आधार मिले
लोग सदा मुझे याद रखें मुझको सबका प्यार मिले✍️
मातृभूमि के गौरव का निशिदिन ही गुणगान लिखूँ 
इस पावन कर्मभूमि की रज मुझको बारम्बार मिले✍️
सत्य-अहिंसा के पथ का मैं फिर से निर्माण करूँ
हर व्यक्ति कर्मशील बने ना कोई फिर लाचार मिले✍️
पद-प्रतिष्ठा-सम्मान का लोभ न मन में आ पाये
हर बच्चे को अब शिक्षा-समानता का अधिकार मिले✍️
मैं रोटी और बेटी पर कुछ तो ऐसा लिख जाऊँ
हर बेटी का हो सम्मान सदा हर भूखे को आहार मिले✍️
जय जवान जय किसान का फिर मैं उदघोष करूँ
जन-जन में हो देशभक्ति देशप्रेम की फिर हुंकार मिले✍️
साम्प्रदायिक सौहार्द बढ़े ईद भी हो दीवाली भी
छल-दम्भ-द्वेष-पाखण्ड से पीड़ित ना कोई बीमार मिले✍️
कलम रहे हर हाथ में अब जैसे हो हथियार कोई
हर बच्चा बने क़लाम लेखक का ये सपना साकार मिले✍️
रचनाकार – अवनेश कुमार गोस्वामी
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