एक छोटी सी मेरी कविता
भावनाओं को मेरी कहती
सुख-दुख सारे पलों को
अनुभवों के धागों में बुनती
निडरता ,साहस,धैर्य ,प्रेम से
अपनें कल्पनाओं को गढ़ती
अंकितकर अपने अहसासों को
जीवन की परिभाषा, मैं कहती
लिखूं शब्दों को ,अपनी कलम से
सुकून वाली खुशी, मुझे है मिलती
✍️मनीषा भुआर्य ठाकुर (कर्नाटक)