जिंदगी की राह में,
कुछ ऐसे मोड़ आते है
कुछ दर्द, कुछ हादसे
धुंधले से बनकर रह जाते हैं ..
जीने की एक नई उम्मीद में,
कदम तो आगे बढ़ते हैं
पर उस दर्द और हादसे
की परछाइयां
जीवन जीने नहीं देती…
इंसान फिर भी जीता है,
और अपनी आपबीती से निकल
जीवन की नई शुरुआत करता है…
मंजू रात्रे ( कर्नाटक )