आज युवा दिवस पर कहूँगा यही।
जागो युवाओं, ऐसे सोते नहीं।।
तुमको पुकारे, यह देश तुम्हारा।
बाधाओं से , ऐसे डरते नहीं ।।
आज युवा दिवस—————–।।
निराश क्यों हो तुम, तुफान देखकर ऐसे।
पहचानो अपनी शक्ति, पहाड़ हो चाहे कैसे।।
महका दो फूल तुम, अपने इस चमन के।
कांटों को देखकर, ऐसे रोते नहीं।।
आज युवा दिवस—————-।।
हिम्मत से काम लो,बदली हवाओं में।
होश मत खोना तुम, काली घटाओं में।।
होगा उदय कभी तो, सूरज तुम्हारा भी।
यूँ अंधेरी रातों में , ऐसे बहकते नहीं।।
आज युवा दिवस—————-।।
तुम हो कर्णधार और भविष्य भारत का।
तुम्ही से जिंदा है सम्मान, इस भारत का।।
सितारा बनकर चमको, विश्व में भारत का।
मुसीबतों से, ऐसे निराश होते नहीं।।
आज युवा दिवस————-।।
रचनाकार एवं लेखक- 
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
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