आज जबकि इतना वक़्त हो चुका है,
हमको बिछुड़े हुए,
और इसी बीच मैंने सुना है,
कि तुमने बसा ली है नई दुनिया,
जबकि मैं तो दूर नहीं कर सका,
अपने दिल से तुमको आज तक।

अभी भी मैं तो तुमको,
अपने करीब ही मानता हूँ,
और जताता हूँ आज भी,
तुम पर मैं अपना अधिकार।

हाँ, मेरे पास भी आये हैं,
कई प्रस्ताव और साथी,
मेरा हमसफर बनने को,
मगर किसी और का चेहरा,
नहीं लुभा रहा है मुझको।

कैसे भुला पाऊंगा तुमको,
यह मैं खुद भी नहीं जानता,
कहीं मेरा यह जुनून,
खत्म नहीं कर दे,
मेरे उस प्रेम को।

क्योंकि आज भी मेरे दिल में,
तेरी वही कल्प बरकरार है,
आज जबकि इतना वक़्त हो चुका है।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

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Gurudeen Verma

By Gurudeen Verma

एक शिक्षक एवं साहित्यकार(तहसील एवं जिला- बारां, राजस्थान) पोस्टेड स्कूल- राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, नांदिया, तहसील- पिण्डवाड़ा, जिला- सिरोही(राजस्थान) 2900 से ज्यादा रचनायें

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