आज अगर रावण मौजूद होता
देख आज की बुराई वो भी रोता
वो कहता आज के बुरे लोगों से तो मैं अच्छा था इतनी बुराई तो
मैंने भी ना रचाई
इतने बुरे कर्म तो मैंने भी नहीं किया
इच्छा विरूद्ध सीता को मेरी नजरें भी ना छुए
अहंकारी था दूजी ना थीं
मुझमें बुराई
ऐसी बुराई तो मैंने नहीं फैलाई
अंहकार की राह से हुआ मेरा विनाश
ज्ञानी था राम से बढ़कर बलशाली था पर मैं अहंकारी था इसलिए हुईं मेरी हार
और बुराई ना थीं
आज के मानव सा तो ना मेरा व्यवहार
आज के मानव अहंकारी जाने किस नशें में चूर
मैंने तो सीता को नहीं किया मजबूर
आज के मानव से तो सुरक्षित नहीं कोई सीता
आज सीता को बचाने राम भी तो नहीं आतें ।
नाम :- जयश्री पाण्डेय ” नैन्सी”
पता :- बिहार छपरा