एक आखरी खत मैं तुम्हारे नाम लिखती हूं ।
दिल के अधूरे सभी अरमान लिखती हूं ।
लिखती हूं दो दशक की वीरान काली रातें ।
दिन के उजाले को बहुत सुनसान लिखती हूं।।
एक……..
समझ आया नहीं अब तक मोहब्बत हो गई कैसे ।
उस पल को जिंदगी का तूफान लिखती हूं ।।
एक…………….
इबादत में तुम ही तुम हो तुम्हारे बिन कहां सांसे ।
जाने क्यों मैं तुमको ही चारों धाम लिखती हूं ।।
एक…………..
स्वरचित :
पिंकी मिश्रा
भागलपुर बिहार।