तेरी जफ़ाओं को क्यूँ ना, मैं आज हाँ कह दूँ
क़ुबूल है मुझे दर्द-ए-जिगर, मैं आज हाँ कह दूँ ✍️
मेरे हौसलों को क्या तोडेंगी ये आँधियाँ
टकराना है मुझे इन तूफानों से, मैं आज हाँ कह दूँ ✍️
रोशनी के लिए बस एक चराग़ है काफी
मिटाना है ज़ुल्मतों का वजूद, मैं आज हाँ कह दूँ ✍️
मुश्क़िलों को शौक़ में शामिल सा कर लिया
मुझे लड़नी है जिंदगी से जंग, मैं आज हाँ कह दूँ ✍️
देर से ही सही देखना पीछे एक काफ़िला होगा
रचनाकार – अवनेश कुमार गोस्वामी