असंभव नहीं कुछ दुनिया में,
बस मन करने से कभी डरता है,
ठान ले जो एक बार कुछ भी,
फिर कहां किसी से कभी डरता है।
सोच से ही हर कार्य हैं होते,
सोच से ही हर कोई आगे बढ़ता है,
सोच होगी सही दिशा में अगर,
फिर कहां किसी से भी डरता है।
मजबूत होगा मन यदि किसी का,
तन भी सब बाधाएं फिर हरता है,
विकट हो चाहे समय कभी भी,
फिर कहां किसी से डरता है।
पूजा पीहू