ऐ ख़ुदा मुझे अपनी जिंदगी बेचनी है
ज़रा अब मेरी कीमत तू अदा कर दे
मैंने जी है जिंदगी अपने शर्तों पर
ज़रा देख डायरी मेरा हिसाब कर दे।
जिसने भेजा था इस दुनिया में मुझे
क्या वह शख्स मुझे वापस बुला रहा है
मैं तो सामने ही खड़ा हूँ कतारों में यहाँ
फिर क्यों मुझे भुलाया जा रहा है।
मुझे क्यों भेजा गया इस बेरहम दुनिया में
पता नहीं मेरी यहाँ जरूरत किसको थी
बहुत करीब से देखा हूँ तेरी इस दुनिया को
खैर पता न चला कि इसमें खूबसूरत क्या थी।
मैं अंजान राही इधर-उधर भटकता रहा हूँ
पालूँ मंजिल इसलिए रास्तों को सिमटता रहा हूँ
स्वच्छ तन-मन लिए आए तेरी इस दुनिया में
पर क्यों फिर भी इस दुनिया को खटकता रहा हूँ।
कुछन आताथा जब तूने भेजा था इस दुनिया में
पर बहुत कुछ सीखा अलविदा कहने से पहले
मासूम तो हम कलभी थेऔर आज भी है मगर
क्यों मुझमें तूने सैकड़ों किरदार दिखाया हैं।
मुझे अपनी जिंदगी बेचनी है ऐ ख़ुदा
ज़रा अब मेरी कीमत तू अदा कर दे
मैंने तो जी ली जिंदगी अपने शर्तों पर