अरे ओ हसीना तू सोचती है क्या। यही कि मैं तुमको प्यार करता हूँ।। लेकिन तुम्हारा यह सोचना गलत है। कि तुमपे दिल अपना वार करता हूँ।। अरे ओ हसीना तू ———————।।
मैं वो अली नहीं जो, डोलता है कलियों पे। मैं वो दीवाना नहीं जो, घूमता है गलियों में।। अरे ओ हसीना तू , समझती है क्या। यही कि मैं तुमपे एतबार करता हूँ।। अरे ओ हसीना तू ———————।।
मालूम नहीं है तुमको, आदमी हूँ कैसा मैं। तुम सी हसीनाओं पे , होश नहीं खोता मैं।। अरे ओ हसीना तू , मानती है क्या। यही कि मैं तेरा दीदार करता हूँ।। अरे ओ हसीना तू ———————।।
मेरी सलाह है इतना श्रृंगार करो नहीं। तुम बेहूदी में दामन, बेजार करो नहीं।। अरे ओ हसीना तू , जानती है क्या। यही कि मैं तेरा इंतजार करता हूँ।। अरे ओ हसीना तू ———————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
एक शिक्षक एवं साहित्यकार(तहसील एवं जिला- बारां, राजस्थान)
पोस्टेड स्कूल- राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, नांदिया, तहसील- पिण्डवाड़ा, जिला- सिरोही(राजस्थान)
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