नमन है सब सैनिकों को जो खुद की जान गवा कर
हमें रोज़ एक नया जीवन देते,
धरती माँ की सुरक्षा के लिए अपना सब दाव पे लगा देते,
रोज हम सब वीरों को खो रहे हैं,
दिल कचोट के रह जाता है,
देश की पहचान ही एक सैनिक है,
जो हमेशा तीन रंगों मे सजा रहता है,
अपना घर परिवार छोड़ के, सरहद को ही घर बना लेते है,
माँ के तरसते हुए आंचल को छोड़ कर,
धरती माँ की मिट्टी को अपने सिने से लगा कर सो जाते है,
सरकार से बस यही गुजारिश है, हो रही खुन की जो बारिश है,
हल तो कुछ निकाल लो, देश के लाल को बचा लो,
इनके शरीर मे जुनून रहता है,
इनके रगों में धरती माँ के लिए खुन बहता है,
वतन के लिए खुशी खुशी मरने का सुकून रहता है,
मर कर भी वो अमर होता है ,
जब जब आई देश पर आंच ,
उन सब को याद करके ये दिल रोता है।
हर पल ये देश उन सैनिकों को नमन करता है।।