मत कर अभिमान,
जीवन जो आया है
कल वापस चले जाना है
धन, दौलत, रूप ,ऐश्वर्य
एक दिन छुट जाना है …
आज जो तेरा है,
फिर कल किसी का
हो जाएगा
फिर किस बात का
है गुमान तुझे
मत कर अभिमान…
अहंकार, झूठ, कपट से,
भरा है, तन तेरा
सुख कहां, तू पाएगा
ना जाने कब
क्या हो जाए
मत कर अभिमान.…
मानव तन,
अनमोल मिला है
ह्रदय को कर निर्मल
प्रेम भाव मन में बसा
ना कर किसी से बैर…
जीवन में कर्म कर अच्छे,
वही मार्ग बनाएगा
रे बंदे,
मत कर अभिमान…
मंजू रात्रे ( कर्नाटक )