भूल के कड़वी यादों को 
मीठे सपने संजोना है 
नए साल में हमको अब 
एक नई पहचान बनाना है!!
बंधे पांव की बेड़ी तोड़ 
आसमान में उड़ना है!
पांव जमीं पर रखकर ही 
अपने मुकाम को पाना है !!
आगे बढ़ते अपने कदम,
 अब पीछे नहीं हटाना है!
लाख बाधाएं आए पर 
हिम्मत को कायम रखना है!!
नए साल में हमको अब 
एक नई पहचान बनाना है!!
ठोकरें खाई बहुत जीवन में 
अब  गिरकर हमे संभालना है!
उत्साह में ना हो कमी कभी 
लक्ष्य को हमे भेदना है!!
समझे खोटे सिक्के हमको जो 
कुछ कर उनको दिखलाना है 
तराश के खुद को जीवन में 
हीरे की भांति चमकना है !!
नए साल में हमको अब 
 एक नई पहचान बनाना है !!
छेड़ें हम ऐसा राग जो, 
देश राग ही बन जाए!
जन मानस के स्थल में, 
अमिट सदा ही रह जाए!! 
ऊंचाई को देख कर हमे
अभिमान न मन में लाना है !
अपने सपनो को हमको अब
 हकीकत में बदलना है!
नए साल में हमको अब 
एक नई पहचान बनाना है!!
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