अनुभव बहुत ही बड़ा ज्ञान,
समय के साथ पकता जाता,
कर्म इसमें रहता सदा प्रधान,
खाली बैठे बैठे कभी ना आता।
कभी ये बनता विरासत समान,
एक दूजे को दे बढ़ता ही जाता,
विशालता से भरी सी दुकान,
ख़तम होने का अवसर ना आता।
बड़ों की जागीर बने कभी,
कभी बचपन भी सिखा जाता,
हर उम्र में यह अर्जित होता,
हर समय चालू रहता है खाता।
बस ध्यान रहे की सही दिशा हो,
सफलता को तब हर कोई पाता,
गलत दिशा में जाकर सभी का,
कर्म मिट्टी में है मिल जाता।
अनुभव बहुत ही बड़ा ज्ञान,
समय के साथ पकता जाता।
पूजा पीहू