ऐ अतीत ऐ अतीत, तू ही मेरा है व्यतीत
कितना सुखद कितना मधुर ,
कितना विपुल कितना मुकुल,
मेरा प्यारा सुंदर अतीत !!
दिया तूने ही तो असीम प्यार,
क्यूं ना होती मै खुशगवार ।
तुमसे जो मैंने सीखा है ,।
कुछ पाया है कुछ खोया है,
कैसे भूलूं अपना व्यतीत ।।
ऐ अतीत……
तू ही जीवन का स्वर्णिम काल,
मेरे सपनों का है आधार।
कोमल मन का है तू प्रभाव,
लेकिन अब तेरा है अभाव।।
ऐ अतीत …..
तू निश्च्छल है निष्कपट है ,
तू निर्मल है तू कोमल है ।
तेरे ही एहसास से तो ,
वर्तमान में भी रास है।।
ऐ अतीत,….
तेरे इक एहसास से ,
दिल पुलकित सा हो जाता है ।
मन नाच नाच सा उठता है ,
दिल झूम झूम सा जाता है।।
ऐ अतीत….
आओ मेरे प्यारे अतीत ,
अब जल्दी वापस आ जाओ।
सपनों की प्यारी दुनिया को ,
फिर से दिखला कर जाओ।।
ऐ अतीत….
जब तू था तब एहसास नहीं,
एहसास हुआ तब तू नहीं।
क्यूं ना आते तुम पास मेरे,
मेरे अपने प्यारे अतीत ।।
पूनम श्रीवास्तव