भारत की अमर कहानी हैं।
हम भारत माँ के लाल सदा,
होते उसपर बलिदानी हैं।
हैं सिंह गर्जना करते हम,
रण में अक्सर गुंजार करें।
दुश्मन जो देखे एक बार हमें,
दौड़े भागे हाहाकार करे।
हम नरम स्वाभावी हैं यूँ तो,
महाराणा से अभिमानी हैं।
हम स्वाभिमान हैं भारत के,
भारत की अमर कहानी हैं।
दिखलाते हैं हम पीठ नहीं,
वो अक्सर छुप कर ही वार करे।
हों न्योछावर तेरी आन पे हम,
नव भारत नव निर्माण करें।
तेरी आन को खड़े शरहद पर हम,
हम धीर वीर बलिदानी हैं।
हम स्वाभिमान हैं भारत के,
भारत की अमर कहानी हैं।
हैं तीन रंग तिरंगे में,
बस केसरिया लहरायेंगे।
तेरी शान को ऐ भारत माँ,
सौ बार बलि बलि जाएँगे।
हैं अमर सपूता कहलाते,
ये अपनी अमर कहानी है।
हम स्वाभिमान हैं भारत के,
भारत की अमर कहानी हैं।
अनुराग बाजपेई(प्रेम)
पुत्र स्व०श्री अमरेश बाजपेई
बरेली (उ०प्र०)