सरकार ने राष्ट्र हित हेतु
एक नयी मुहिम चलाई
युवा देशसेवा में आये सोच
एक अग्निपथ योजना लाई।
बेरोजगारों को भी कुछ
रोज़गार मिल जाये
तत्पर युवा देश के लिए
अग्निवीर बन आगे आये।
आज का युवा वर्ग कहाँ
समझें कब अपनी भलाई
दिग्भ्रमित हो कर बस
पहचाने हिंसा औऱ लड़ाई।
आक्रोश के स्वर बुलंद कर
घूम रहा सड़कों पर
पथ से भटका मंजिल
अपनी ढूढ़े रस्तों पर।
शिक्षित होकर भी यह
देश का हित न जाने
उपद्रव और आगजनी
को जन आंदोलन माने।
अन्याय का विरोध करने
यह किसी भी हद तक जाये
बेकसूरों को क्यों यह
बेमतलब नुकसान पहुचाये।
भारतीय लोकतंत्र में न्याय
की जब भी मांग करे
सत्य औऱ अहिंसा के
मार्ग पर ही अडिग रहे।
ऐसे उत्पात से सोचो
अहित सभी का होगा
बिगड़ेगे हालात औऱ
जनता को भरना होगा।
अग्नि जो तुम्हारे अंतस
में प्रज्जवलित हो रही
वीर योद्धा होने की
गर अनुभूति भी हो रही।
अग्निपथ की राहों पर
साहसी बन डट जाओ
अग्निवीर बन देश को
समर्पित देह प्राण कर जाओ।
हे! शूरवीर माँ भारती के मस्तक
को अपने कर्मों से न झुकाओ
सच्चे योद्धा राष्ट्र निर्माण में
भारतीय होने का फर्ज़ निभाओ।
स्वरचित एवं मौलिक
शैली भागवत “आस”
इंदौर (म. प्र.)