जिसके व्यक्तित्व की शान में
ध्वज हमारा झुक गया
उस स्वर कोकिला लता को
अनंतस कोटि कोटि नमन
रो रहा जिसे हिंद सारा
स्वर की उस महान देवी को
बारंबार नमन।
मर कर भी जो अमर हो गई
मृत्यु को सुमृत्यु कर गई ।
जिसके गुणों को स्वयं सरस्वती बखानती।
भारत की शान को।
अंतस कोटि-कोटि नमन ।
सूना सुरों को कर गई।
दुनिया को अलविदा कर गई ।
पर फलक तक रहेगी
कीर्ति अमर
भारती की सरस्वती को ,
बारंबार नमन ।
जीते जी सुरों पर राज किया
जिसका न कभी अभिमान किया
आफताब थी जो भारत का
माहताब बनकर चमकती रही ।
भारत रत्न लता को
अंतस से नमन
अंतस से नमन
अंतस से नमन।
गरिमा राकेश गौत्तम
कोटा राजस्थान