छोडने वाला हमेशा ही छीनने वाले से महान कहलाया है,
छोडने मे परम सुख है,ग्रंथो मे भी बतलाया है!
कौरवो ने जब ना छोडे पांच गांव भी अपने भाइयो के लिए,
तो सौ-सौ कौरवो ने परलोक मे स्थान पाया था,
द्रोपदी ने भी ना छोडा जब कटु शब्दो पर रखना संतुलन, तो महाभारत भी रचवाया था!
छोडने मे है जो पाया आनंद, वो छीनने मे कहां मिल पाया है!
हे प्रभु अपनी कृपादृष्टि बनाए रखना सदा, और हमेशा हाथ से छोडने के काबिल बनाना, हाथ से छीनने के नही!
कैकेयी के लालच ने ही तो,भरत से ही निज माता का अपमान करवाया था,
कौशल्या के संस्कारो ने ही तो,प्रभु राम को मर्यादापुरुषोत्तम कहलाया था!
श्री राम ने छोडा मोह-माया का ताज,तो ही आज कर रहे लाखो दिलो मे राज,
भ्राता लक्ष्मण ने भी छोडा अपना सारा सुख वैभव,तभी तो आज विराजे भ्राता राम के साथ!
पांडवो ने भी छोड़कर अपना राज-पाट,स्थान स्वर्ग मे पाया है,
इसीलिए तो छोडने वाला हमेशा ही छीनने वाले से महान कहलाया है!
                                                                श्वेता अरोडा
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