भारत की बेटी थी वो,
 थी सपनो की रानी, 
अपने जिद के चलते ही
 जिसने अंतरिक्ष यात्री बनने की ठानी।।
उस दौर में अंतरिक्ष यात्री बनने की कल्पना ,
सब के सोच के परे था,
बेटी है कोख में जानकर,
 जिस दौर में मार दिया जाता था।।
उस दौर कल्पना चावला ने
 अपने सपनो को साकार किया ।।
हरियाणा के कनाल से लेकर टेक्सास अमेरिका तक,
जिसने अपने हूनर का पंचम लहराया था।।
अंतरिक्ष के रहस्यों को जानने की उत्सुकता थी भारी,
भारत की प्रथम महिला बनकर ,
 जिसने की अंतरिक्ष की सवारी।।
करोडो लोगो की प्रेरणा बनकर तुमनें ये दर्शया
खुली आँखों से ख़ाब कैसे हैं देखते है,,,
ये तुमने है बतलाया।।
शत-शत नमन है भारत की बेटी 
जिसने भारत का मान बढाया।।
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