प्रकाश  बिखेरती  चांदनी
झिलमिलाते तारों से भरा आकाश
अंधेरी रातों में छिपा
दिव्य आलोकित प्रकाश
नैसर्गिक सुंदरता , निशा की
कैद करती, अपने मोहपाश
लुभावना लगे वो मंज़र
तारों की दुशाला ओढ़े आकाश
रवि के रश्मियों से ,दिन का नभ
सांझ की गहराइयों में , ढल जाता
चांद , झिलमिल सितारों से लबरेज 
अलौकिक आभा ले ,रात जगमगाता
                           मनीषा ठाकुर (कर्नाटक)
Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *